Saturday, 04 May, 2024

26 January 2006

भाईयों एवं बहनों,

गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर प्रदेश के सभी नागरिकों का अभिनंदन है। हमने स्वतंत्र राष्ट्र के संचालन के लिये प्रजातांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया है। 'सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामय:' हमारी भारतीय संस्कृति का मूल है जिसे हमने संविधान में आंगीकार किया है। इसी भावना के अनुरूप हमने प्रदेश के तेजी से विकास के लिये सबके सहयोग तथा समन्वय की नीति को अपनाया है।

राज्य सरकार ने सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार निर्माण को प्राथमिकता दी है। भेदभाव रहित, भ्रष्टाचार मुक्त, संवेदनशील प्रशासन भी राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सर्वधर्म समभाव की परंपरा को प्रदेश में और मजबूत बनाया जायेगा।

जनता और शासन तंत्र के बीच दूरी एक बड़ी समस्या है। जब तक जनता को विकास में भागीदार नहीं बनाया जावेगा तब तक सरकार के प्रयास पूरी तरह सफल नहीं होंगे। इसलिये हमने विकास में जनता को भागीदार बनाकर इसे जन आंदोलन बनाने का फैसला लिया है। इस उद्देश्य से विकास कार्यों तथा समाज कल्याण के क्षेत्र में श्रमदान तथा जन सहयोग प्राप्त करने के लिये पूरे राज्य में अभियान शुरू किया जायेगा। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं, स्वसहायता समूहों, पंचायतों, जनप्रतिनिधियों आदि का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा। इसके साथ राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों से सतत संवाद कायम करेगी तथा प्रशासनिक अधिकारों का विकेन्द्रीकरण करेगी।

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं तथा निजी क्षेत्र के सहयोग से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। दो वर्ष के कम समय में लगभग बारह हजार किलोमीटर लम्बी सड़कें बनीं है और तीन हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण जारी है। अगले तीन वर्षों के अंत तक कुल चालीस हजार किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

वर्ष 2008 तक राज्य को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इंदिरा सागर परियोजना निर्धारित लक्ष्य से एक वर्ष पहले ही पूरी की गई और अब ओंकारेश्वर, बाणसागर जल विद्युत परियोजनाओं और बीरसिंहपुर तथा अमरकंटक ताप विद्युत परियोजनाओं के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इसी प्रकार बाणसागर नहर तथा मलीखेड़ा लघु जल विद्युत परियोजनाएं भी पूरी हो रही हैं। महेश्वर जल विद्युत परियोजना का काम भी पुन: शुरू हो रहा है। हम प्रदेश में जल, ताप, परमाणु, सौर तथा पवन से विद्युत उत्पादन की सभी संभावनाओं का दोहन करना चाहते हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य भी प्राथमिकता पर लिया गया है। सभी गाँवों में बिजली के सपने को साकार करने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिये खेती पर निर्भर है। खेती को लाभकारी बनाने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। कृषि के क्षेत्र में विगत पाँच दशकों का अनुभव है कि खेती के साथ कृषि आधारित अन्य व्यवसाय को अपनाए बगैर हमारे किसान भाईयों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होगा। इसलिए जैविक खेती, पशुपालन, मत्स्यपालन, बागवानी, औषधि फसलों की खेती, डेयरी, कुटीर उद्योगों तथा प्रसंस्करण इकाईयों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दिशा में पहल कर उद्यानिकी, खाद्य एवं प्रसंस्करण का पृथक विभाग गठित किया गया है। प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत प्रथम चरण में 20 जिलों में उद्यानिकी विकास के कार्य प्रारंभ किये जा रहे हैं। गाय हमारी सांस्कृतिक आस्था का केन्द्र तो है ही, आथिर्क स्वावलंबन का आधार भी हो सकती है। हम प्रदेश में गौवंश के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध हैं। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायेंगे।

प्रदेश में विगत वर्ष में 96000 हैक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का निर्माण किया गया है। विभिन्न छोटी-बड़ी सिंचाई परियोजनाओं से इस साल लगभग 1.80 लाख हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। अगले तीन वर्षों के अंत तक प्रदेश में लगभग आठ लाख हैक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। पुण्य सलिला नर्मदा नदी को पवित्र क्षिप्रा नदी से जोड़े जाने की संभावनाओं का अध्ययन प्रारंभ किया गया है। जनभागीदारी से गाँव का पानी गाँव में और खेत का पानी खेत में रोकने हेतु प्रभावी प्रयास किये जायेंगे।

राज्य में जैविक खेती को प्राथमिकता देते हुए बीस हजार गांवों में किसानों को जैविक खेती के लिये प्रेरित किया जा रहा है। जैविक खेती के उत्पादों में प्रदेश विश्व बाजार में प्रमुख स्थान बना सकता है। हमारा लक्ष्य होगा कि हमारे गांव दुनिया का बाजार बनकर न रह जायें, अपितु इतना सक्षम बने कि उनके उत्पाद दुनिया के बाजारों में अपना स्थान बनाएं।

शालेय शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये जारी प्रयासों के अंतर्गत 2007 तक राज्य के सभी शासकीय प्राथमिक शालाओं के भवनों का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा। इसी क्रम में लगभग 48000 शालेय शिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है। बालिका शिक्षा पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इस उद्देश्य से गांव की बेटी योजना प्रारंभ की गई है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारी प्राथमिकता है कि प्रसव के दौरान होने वाली गर्भवती माताओं की मृत्यु दर और एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होने वाली मृत्यु दर को कम किया जाये। गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक आने-जाने का व्यय और इलाज पर होने वाले समस्त व्यय राज्य सरकार वहन कर रही है। इस वर्ष एक लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिये एक लम्बे समय बाद 41 नये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और 10 नये जिला अस्पतालों को स्वीकृति दी गई है। कुपोषित बच्चों के इलाज के लिये बाल शक्ति योजना बनाई गई है। हम कुपोषण के कलंक को मिटा कर दम लेंगे।

प्रदेश में पर्यटन के विस्तार की असीम संभावनाएं हैं, जिसका पूरा दोहन किया जायेगा। इससे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इसके अलावा ग्रामोद्योग के माध्यम से प्रदेश में लघु व कुटीर उद्योगों का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। स्व-सहायता समूहों को संगठित स्वरूप देने की भी कार्रवाई की जा रही है।

विकास के सभी प्रमुख क्षेत्रों में शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण परिणामों के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग आधुनिक समय की आवश्यकता है। इससे जहाँ एक ओर विकास प्रक्रिया तेज होगी वहीं हमारी युवा शक्ति के लिये रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इस दृष्टि से नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति तैयार की जा रही है जिसके कियान्वयन से जनसाधारण को त्वरित सुविधाएं मिलेंगी और प्रशासनिक व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

राज्य सरकार ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के विकास के लिये कटिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी सतत प्रयास किए जायेंगे। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना 18 जिलों में अतिशीघ्र प्रारंभ की जा रही है। राज्य के छोटे-बड़े सभी नगरों का विकास सुनिश्चित करने के लिये शीघ्र ही वृहद स्तर पर विकास कार्य प्रारंभ किये जायेंगे।

प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति संतोषजनक है। नक्सलियों और डकैतों की गतिविधियों के विरूद्ध पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई जारी है। नक्सली समस्या से निपटने के लिए भारत रक्षित वाहिनी गठित की जा रही है। पुलिस को जनोन्मुखी बनाने तथा पुलिस बल के आधुनिकीकरण के सुनियोजित प्रयास किये जा रहे हैं। विधि का राज और बेहतर कानून व्यवस्था की स्थापना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।

अधोसंरचनात्मक सुविधाओं में सुधार के कारण ही अब उद्योगपति मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिये आगे आ रहे हैं । प्रदेश में सरकारी तथा निजी क्षेत्र में कई बड़े उद्योगों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सरकार उद्योगों के लिये एकल खिड़की प्रणाली को सुदृढ़ तथा सुचारू करने के लिये कटिबद्ध है।

प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट लाने, उसे जनोन्मुखी एवं परिणाम मूलक बनाने के लिये सुराज अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत समस्याओं के निराकरण के लिए 'टेली समाधान कार्यक्रम' शुरू किया जा रहा है। इसके तहत नागरिक टेलीफोन पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे तथा उनका शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। प्रयोग के तौर पर यह योजना बालाघाट और रायसेन जिलों में शुरू की जा रही है। इसके साथ ही 'समाधान आनलाइन' कार्यक्रम के अंतर्गत माह में एक दिन निर्धारित समय पर मुख्यमंत्री, विभागीय प्रमुख तथा सभी जिला अधिकारी अपने मुख्यालय पर उपलब्ध रहेंगे । इस समय विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त विकास खंड और जिला स्तर पर नियमित रूप से 'समाधान शिविरों' का आयोजन किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि विकास खण्ड, तहसील और जिला स्तर के प्रकरणों का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो। इस उद्देश्य से विकास योजनाओं पर समयबद्ध अमल के लिये प्रशासन में विभिन्न स्तरों पर प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी किया जायेगा।

सुराज अभियान में सूचना के अधिकार तथा सिटीजन चार्टर का प्रभावी क्रियान्वयन, प्रक्रियाओं का सरलीकरण तथा कम्प्यूटरीकरण, भ्रष्टाचार के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही एवं चुने हुए कार्यों का निपटारा 'एक दिवस में' करने की प्रणाली भी विकसित की जायेगी।

राज्य सरकार युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जातियों-जनजातियों,अल्पसंख्यकों तथा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की स्थिति में सुधार के लिये कटिबद्ध है। इसके लिये संबंधित कल्याणकारी योजनाओं पर समयबद्ध अमल सुनिश्चित किया जायेगा।

समाज सेवी संस्थाओं तथा व्यक्तियों के सहयोग से निराश्रित एवं निर्धन व्यक्तियों तथा अनाथ कन्याओं के समग्र कल्याण एवं पुनर्वास के लिये जिलों में दीनदयाल अंत्योदय मिशन प्रारंभ किये जायेंगे। मिशन के अंतर्गत अनाथ तथा निर्धन परिवारों की कन्याओं के विवाह की योजना भी प्रारंभ की जायेगी।

जनता और प्रशासन में 'हमारा मध्यप्रदेश' की भावना पैदा करके राज्य सरकार विकास को आंदोलन का रूप देने का प्रयास कर रही है। विकास के सभी क्षेत्रों में तात्कालिक तथा दूरगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकास योजनाएं तैयार कर उन पर अमल किया जायेगा। भावी पीढ़ी के लिये बेहतर परिस्थितियों का निर्माण करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।

हमारा लक्ष्य है समृद्ध और खुशहाल मध्यप्रदेश जो हम सामुहिक प्रयासों से ही बना सकते हैं। आइए गणतंत्र दिवस पर आज यह संकल्प लें कि हम अपनी प्रतिभा तथा परिश्रम के बल पर मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनायेंगे।

जय हिंद। जय भारत।

Powered By: